नयी रचनाशीलता का युवा मंच
Search This Blog
Tuesday, January 5, 2010
अर्थ-विस्तार
जब हम प्यार कर रहे होते हैं
तो ऐसा नहीं
कि दुनिया बदल जाती है
बस यही
कि हमें जन्म देने वाली मां के
चेहरे की हंसी बदल जाती है
हमारे जन्म से ही
पिता के मन में दुबका रहा
सपना बदल जाता है
और
घर में सुबह-शाम
गूंजने वाले
मंत्रों के अर्थ बदल जाते हैं।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment