tag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post8548393298971253680..comments2023-09-28T03:22:45.585-07:00Comments on अनहद कोलकाता: विहाग वैभव की नई कविताएँविमलेश त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/02192761013635862552noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-14236829489411911392021-08-30T22:50:25.445-07:002021-08-30T22:50:25.445-07:00कविताएँ बेहद अच्छी हैं, लेकिन सम्पादक ने सम्पादक क...कविताएँ बेहद अच्छी हैं, लेकिन सम्पादक ने सम्पादक के अपने कर्त्तव्य पूरे नहीं किए हैं। भाषा और वर्तनी की त्रुटियों को दूर नहीं किया है। अनिल जनविजयhttps://www.blogger.com/profile/02273530034339823747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-69947641613759988432021-08-30T10:38:44.734-07:002021-08-30T10:38:44.734-07:00This comment has been removed by the author.अनिला राखेचाhttps://www.blogger.com/profile/17895552142338016028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-35303065391160926232021-08-30T10:38:10.817-07:002021-08-30T10:38:10.817-07:00This comment has been removed by the author.अनिला राखेचाhttps://www.blogger.com/profile/17895552142338016028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-50905983140398903952021-08-30T10:37:40.147-07:002021-08-30T10:37:40.147-07:00सभी कविताओं का विषय तो है अलग-अलग मगर उतर रही है स...सभी कविताओं का विषय तो है अलग-अलग मगर उतर रही है सभी एक ही जगह... सीधे हृदय में। "मुट्ठी भर राख" जबरदस्त बिंब। विहाग वैभव को जन्मदिन की अनंत मंगलकामनाएं। "अनहद" एक अच्छा ब्लॉग है और यहाँ बेहतरीन रचनाकारों की रचनाएं पढ़ने को मिल रही है इसके लिए विमलेश जी को अनेकानेक साधुवाद।अनिला राखेचाhttps://www.blogger.com/profile/17895552142338016028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-44687343884255336472017-08-29T23:50:22.645-07:002017-08-29T23:50:22.645-07:00अच्छी कविताएँ। "रेखांकित"में लिया जा सकत...अच्छी कविताएँ। "रेखांकित"में लिया जा सकता है।Niranjan Shrotriyahttps://www.blogger.com/profile/06382132700954340198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-27766644074754008642017-04-21T00:42:44.674-07:002017-04-21T00:42:44.674-07:00बहुत आभार पूजा जी और आनंद बाबू। साथ बना रहे।बहुत आभार पूजा जी और आनंद बाबू। साथ बना रहे।विमलेश त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/02192761013635862552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-91528882700867521202017-04-21T00:23:33.268-07:002017-04-21T00:23:33.268-07:00विहाग वैभव एक संभावनाशील युवा कवि हैं।पिछले साल उस...विहाग वैभव एक संभावनाशील युवा कवि हैं।पिछले साल उसे डीएवी कॉलेज ,बनारस में कविता पाठ करते सुना था और प्रभावित हुआ था।अच्छी कविताएँ अनहद पर लगी है।विहाग को बहुत शुभकामनाएँ।<br /> - आनंद गुप्ताAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-29818677405823823912017-04-20T02:25:26.838-07:002017-04-20T02:25:26.838-07:00माँ का सिंगारदान,तलवारों का शोकगीत,इजहार और एक लोन...माँ का सिंगारदान,तलवारों का शोकगीत,इजहार और एक लोना अबाब अच्छी कविताएँ हैं...... <br />कवि के संवेदनशीलता और कल्पना की परम पारदर्शिता दिखाती है। कतई सन्देह नही कि "विहाग वैभव" से बहुत सी उम्मीदे जागती हैं।<br />मुझे अच्छी लगी यह लाईने----<br />१. तलवारें लोहे की होती हैं <br /> तलवारें गुलाम होती हैं <br /> तलवारें बोल नहीं सकतीं <br /> तलवारें खुद लड़ नहीं सकतीं....<br /> २. "लोना ने काट स्वयं की जीभ स्वयं ही <br /> सेमल के दो पत्तों में रख भेंट कर दिया <br /> प्रिय पुरुष कुसुम को<br /> सदियों पीछे <br /> मुक्त हो गयी <br /> मौन हो गयी" ......।<br /> शुभकामनाएँ विहाग वैभव।..Pooja Singhhttps://www.blogger.com/profile/06414650429829124600noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-39496199496854997712017-04-20T00:32:41.571-07:002017-04-20T00:32:41.571-07:00शुक्रिया अभयानंद जी। साथ बना रहे।शुक्रिया अभयानंद जी। साथ बना रहे।विमलेश त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/02192761013635862552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-16713018352606234422017-04-19T23:05:42.847-07:002017-04-19T23:05:42.847-07:00विहाग की इस राग से मडई की हवेली में मीठी नींद आएगी...विहाग की इस राग से मडई की हवेली में मीठी नींद आएगी. यकीनन. अनहद खूब गूँजे. आमीन ! अभयानंद कृष्ण Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-46803117814552342122017-04-19T22:08:04.087-07:002017-04-19T22:08:04.087-07:00बहुत आभार शिवानी गुप्ता और शालिनी जी।बहुत आभार शिवानी गुप्ता और शालिनी जी।विमलेश त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/02192761013635862552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-16307136906376224952017-04-19T22:03:35.309-07:002017-04-19T22:03:35.309-07:00 Behtareen...bahut sundar rachna
Shalini Mohan Behtareen...bahut sundar rachna<br /><br />Shalini MohanAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-53168479594084017202017-04-19T22:02:13.175-07:002017-04-19T22:02:13.175-07:00बेहतरीन..परास्नातक में इस तरह की परिपक्व कविता उम्...बेहतरीन..परास्नातक में इस तरह की परिपक्व कविता उम्मीद को रौशन करती है.."तलवारों का शोक गीत" और "इजहार और लोना अबाब" कविता की गहरी संवेदना छू गयी...बधाई विहाग वैभव को इसी तरह बेहतरीन करते रहें।"अनहद" अच्छी कविताओं को स्थान दे रहा है यह संम्भावनशील कवियों के लिए और हम जैसे पाठक वर्ग के लिए सार्थक जगह है।<br /><br />शिवानी गुप्ताAnonymousnoreply@blogger.com