tag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post4584982056313134397..comments2023-09-28T03:22:45.585-07:00Comments on अनहद कोलकाता: विमलेन्दु की कविताएंविमलेश त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/02192761013635862552noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-77415227171814202272012-05-26T02:46:13.982-07:002012-05-26T02:46:13.982-07:00सब रचनाये बहुत उच्च श्रेणी की है,बधाई आप कोसब रचनाये बहुत उच्च श्रेणी की है,बधाई आप कोavanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-72775351887668609372012-05-22T05:20:04.963-07:002012-05-22T05:20:04.963-07:00यूँ तो सभी कविताएं बहुत अच्छी है परन्तु बदनाम स्त्...यूँ तो सभी कविताएं बहुत अच्छी है परन्तु बदनाम स्त्रियों के नाम लिखे गये बेबाक और खुले प्रेमपत्र हेतु विशिष्ट बधाई आपको ...हेमा दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/15580735111999597020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-37180939123261068882012-05-05T07:41:11.158-07:002012-05-05T07:41:11.158-07:00एक झण्डा पकड़ाना चाहता हूँ मैं
दुनिया के तमाम उदास...एक झण्डा पकड़ाना चाहता हूँ मैं<br />दुनिया के तमाम उदास लोगों को. chahat kuch karne ki<br /><br />अपने जन्म की स्मृतियों का<br />ये कर देती हैं तर्पण<br />और मृत्यु के बारे में <br />इसलिए नहीं सोचतीं<br />कि हर चीज़ सोचने से नहीं होती. Vedna or Bebasi ,,,, sach me kamal ki Rachnaye ... Dhanyawad.Ritu Vishwanathhttps://www.blogger.com/profile/16012586029198898750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-37457582044482546082012-05-01T05:31:49.797-07:002012-05-01T05:31:49.797-07:00मेरी कविताओं को आप सुधी दोस्तों का साथ मिला तो मेर...मेरी कविताओं को आप सुधी दोस्तों का साथ मिला तो मेरा हौसला बढता है....भाई विमलेश जी के साथ ही आप सब मित्रों को धन्यवाद.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03514753057178092961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-27728166469808391692012-04-28T10:31:16.386-07:002012-04-28T10:31:16.386-07:00अदभुत है इन कविताओं से गुजरना ..बधाई आपकोअदभुत है इन कविताओं से गुजरना ..बधाई आपकोरामजी तिवारी https://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-9727073513763999492012-04-28T05:22:31.140-07:002012-04-28T05:22:31.140-07:00बेहतरीन...सशक्त एवं बेबाक रचनाएँ....
सांझा करने क...बेहतरीन...सशक्त एवं बेबाक रचनाएँ....<br /><br />सांझा करने का शुक्रिया.<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-55021700408029806432012-04-27T11:47:28.068-07:002012-04-27T11:47:28.068-07:00bahut sunder rachnayebahut sunder rachnayegyaneshwaari singhhttps://www.blogger.com/profile/16752930608738766658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-46856556436259583392012-04-27T11:20:57.317-07:002012-04-27T11:20:57.317-07:00रात एक स्लेट की तरह थी मेरे सामने
जिस पर सीखनी थी ...रात एक स्लेट की तरह थी मेरे सामने<br />जिस पर सीखनी थी मुझे<br />एक नई भाषा की वर्णमाला.<br /><br />बहुत सुन्दर भाई।Nilay Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/11983436832419492691noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-26169664516455798432012-04-27T05:56:07.391-07:002012-04-27T05:56:07.391-07:00बड़ी सुन्दर कवितायेँ हैं | पहली कविता - "बदन...बड़ी सुन्दर कवितायेँ हैं | पहली कविता - "बदनाम औरतों के नाम प्रेम-पत्र" तो बहुत अच्छी - बड़ी मार्मिक बन पड़ी है |<br />"प्रेम मृत्यु है इन बदनाम औरतों के लिए..".- इससे बड़ा सच भला और क्या !!<br />"जो इतिहास में नहीं होते" भी बड़ी पसंद आई..- "ऐसे लोग जो इतिहास में नहीं होते, किसी भी समय ध्वस्त कर देते हैं इतिहास को.".बहुत भावपूर्ण और सशक्त !! बाकी कवितायेँ भी अच्छी लगी...... शुभकामनाएँ और बधाई !!damayanti sharmahttps://www.blogger.com/profile/03201739797376439570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-90623232795399787702012-04-27T05:26:44.243-07:002012-04-27T05:26:44.243-07:00विमलेंदु से मेरा भी परिचय फेसबुक से ही हुआ... उनकी...विमलेंदु से मेरा भी परिचय फेसबुक से ही हुआ... उनकी कविताएं नेट पर ही पढ़ी हैं और उन्होंने हमेशा प्रभावित किया है। विमलेंदु के पास बहुत सघन संवेदनाएं और समृद्ध भाषा है, साथ ही सहज जीवन से कविता के लिए नये से नये विषय उठाने का साहस भी... उनका खिलंदड़पन उन्हें बहुत निर्मम रचनाकार बनाता है, जो उनके प्रति बहुत आश्वस्ति देता है। मेरी शुभकामनाएं...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13562041392056023275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-70299112505900340742012-04-27T02:11:13.372-07:002012-04-27T02:11:13.372-07:00भीड़ में चल कर भीड़ का हिस्सा बन और उसी में अपनी ...भीड़ में चल कर भीड़ का हिस्सा बन और उसी में अपनी पहचान बनाना सारी बाते कहनी जितनी आसान है उतनी होती नही ...नदी का पानी उफन कर जब शहर में फैलता है तो उसे बाढ़ कहते है जो जीवन देता नही है और जब उसी पानी को नहर के ज़रिये उतारा जाता है तो जीवन देता है..... ऐसा ही है ये कविता का संसार.... यहाँ कवितायें बाढ़ बन कर आयी है जो किसी सोच को जीवन नही दे रही जबकि विमलेन्दु जी की कविताओं को पढ़ कर साफ़ लगता है कि सोद्देश्य समाज में उतारा गया है ..nirupmahttps://www.blogger.com/profile/03957825411245450588noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-17688808897293631512012-04-27T00:48:21.642-07:002012-04-27T00:48:21.642-07:00बेहद प्रभावी कवितायेँ ...बेहद प्रभावी कवितायेँ ...kshamahttps://www.blogger.com/profile/14966271183361147562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-4282851946428330252012-04-26T23:47:19.822-07:002012-04-26T23:47:19.822-07:00ये खुला पत्र बहुत बोल्ड तरीके से घावों को उधेड़ता...ये खुला पत्र बहुत बोल्ड तरीके से घावों को उधेड़ता है रिसते मवाद की असलियत सामने लाता है .तहखानों की सडांध ,बू मारते लोग,सब कुछ इतना साफ़ साफ़.बिना किसी अतिरिक्त भावुकता के.बधाई कवि कोashvaghoshhttps://www.blogger.com/profile/04330878210210044156noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8143915090672261064.post-76938141421013969982012-04-26T23:26:22.668-07:002012-04-26T23:26:22.668-07:00बदनाम स्त्रियों के लिए प्रेम-पत्र आज की हिंदी कवित...बदनाम स्त्रियों के लिए प्रेम-पत्र आज की हिंदी कविता की उपलब्धि है .कविताई साहस , समाज- राजनीतिक आलोचना-दृष्टि , सहज विट , सटीक व्यंग्य और सब से ज़्यादा अपनी जीवन- धर्मिता (vitality)के चलते .इन्ही गुणों के चलते यह जड़ाऊ भावुकता , करूणा-विलाप और आत्ममुग्ध रैडिकलियत और शब्द -शोर से साफ़ बच जाती है.आशुतोष कुमारhttps://www.blogger.com/profile/17099881050749902869noreply@blogger.com